Saturday, October 27, 2007

अंततः

अंततः वही जीतता है
जिसमें आशा की एक किरण बचती है
मौत की गुफाओं में बंद भी
जिसे जिंदगी के उजालों पर भरोषा होता है
अंततः वही हारता है
जिसका मकसद हार जाता है
जीतकर भी सिकंदर मक्दूनिया नहीं पहुँचा
हार कर भी पुरु जीत जाता है
अंततः सत्यमेव जयते
छल फरेब खुल जाता है
मृत्यु से काल नही मरता
वह फिर आता है
अंततः आता है

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